"मौर्य समाचार,, जिलाधिकारी मुज़फ़्फ़रपुर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में एईएस चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को मद्देनजर रख एक महत्वपूर्ण बैठक की गई ।

    सभी पीएससी में  ग्लूकोमीटर  उपलब्ध है। सभी पीएचसी  में  दो बेड का  एईएस वार्ड  कार्यरत है। बंदरा में  विद्युत दोष दूर कर लिया गया है।।  50 प्रकार की दवाइयां  पर्याप्त मात्रा में  उपलब्ध हैं एईएस/चमकी  बीमारी  के इलाज हेतु  11 प्रकार के उपकरण की उपलब्धता  भी पर्याप्त है ।ढाई लाख से अधिक ओआरएस घोल  उपलब्ध है।  एईएस/चमकी बुखार  पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर  स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन हर स्तर पर  जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर आज एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई ।जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित विभिन्न कोषांगों के नोडल पदाधिकारी और वरीय पदाधिकारियों को पूर्व में दिए गए निर्देश के अनुपालन प्रतिवेदन की समीक्षा की एवं उनके द्वारा महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए। पूर्व में  प्रभावित  320 गांवों  को  पदाधिकारियों  के साथ टैग कर दिया गया है ।
       इसमें प्रखंड  जिला  एवं पंचायत स्तर के  अधिकारी शामिल हैं  जिनके साथ गांवों को टैग किया गया है । पिछले सप्ताह जिलाधिकारी द्वारा दिए गए  सख्त निर्देश के आलोक में पदाधिकारियों का गांवों से टैगिंग   संबंधित कार्य का त्वरित निष्पादन किया गया। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया है कि सभी पदाधिकारी जिन्होंने गांव को गोद लिया है वे बृहस्पतिवार को  उन गांव में जाएंगे। पिछले साल जिन घरों में बच्चों की मृत्यु हुई थी, उन  घरों से संपर्क  करेंगे। सभी अधिकारी गोद लिए हुए गांवों में  डोर टू डोर विजिट करेंगे और चमकी बुखार पर नियंत्रण तथा इससे बचाव के संबंध में घरवालों को  ब्रीफ भी करेंगे।

          वॉल राइटिंग की भी जांच  उनके द्वारा  की जाएगी ।साथ ही  उस गांव के जो मुख्य रिसोर्स पर्सन  होंगे उनका उन्मुखीकरण भी करेंगे ताकि रिसोर्स पर्सन उक्त बीमारी के बारे में संबंधित पदाधिकारियों को शीघ्र सूचना प्रेषित कर सकें। स्वास्थ विभाग द्वारा कराए गए दीवाल लेखन की समीक्षा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि 607 भवनों पर दीवार लेखन किया जाना था जिसके विरुद्ध अभी तक 485 पीएचसी एपीएचसी एवं  स्वास्थ उपकेंद्रों पर दीवाल लेखन का कार्य पूर्ण हो गया है। शेष 122 जगहों पर 8 अप्रैल तक  दीवाल लेखन का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया ।वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि हैंडबिल के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया गया है। राज सरकार से प्राप्त डेढ़ लाख हैंडविल का वितरण किया गया शेष के लिए सरकार को अधियाचन भेजी गई ।वही डीपीआरओ ने बताया कि जिले में मुख्य रूप से प्रभावित पांच प्रखंडों के 291 गांव में फरवरी  माह में 6 कला जत्था के टीमों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सघन प्रचार -प्रसार किया गया और लोगों को जागरूक किया गया ।चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रखंड एवं पंचायत स्तरीय अधिकारियों और कर्मियों का प्रशिक्षण  की महत्वपूर्ण भूमिका है ।इस  संबंध में प्रशिक्षण कोषांग द्वारा बताया गया कि प्रशिक्षण का कैलेंडर तैयार कर लिया गया है जिसकी शुरुआत 8अप्रैल से होगी जो कि 21 अप्रैल तक चलेगा। उक्त प्रशिक्षण मार्च में शुरू हुआ था पर कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम हेतु लॉकडाउन के कारण स्थगित रहा। उसे 08 अप्रैल से सोशल डिस्टेंस के साथ शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस दरमियान सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी ,पंचायत स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी एवं प्रखंड स्तरीय जनप्रतिनिधि, प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के शिक्षक का प्रशिक्षण कार्य किया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक पदाधिकारी प्रशिक्षण सत्र में अचूक रूप से उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे। वहीं बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि  चमकी बुखार को लेकर सारी तैयारियां मुकम्मल हैं।
         स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि एईएस वार्डो में कुल 21 ग्लूकोमीटर हैं। सभी  15 प्रखंडों में 02 बेड का वातानुकूलित एईएस वार्ड चल रहा है ।बंदरा में भी  विद्युत दोष दूर कर लिया गया है । इस तरह सभी 16 प्रखण्डो के पीएचसी में एईएस वार्ड कार्य कर रहा है11 प्रकार के एईएस के उपचार से समन्धित महत्वपूर्ण  उपकरण उपलब्ध हैं जिसकी कुल संख्या 1987 है।। 50 प्रकार की दवाइयां और पर्याप्त मात्रा में ओआरएस  की भी उपलब्धता है ।ओआरएस का पैकेट्स प्रखण्डो को उपलब्ध करा दिया गत है जिसे आंगनवाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

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