बिहार में 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। मंगलवार को परिवहन विभाग इस संबंध में आदेश जारी करेगा, जिसके तुरंत बाद से यह प्रतिबंध लागू हो जाएगा। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए। बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बैठक में लिये गय निर्णय की जानकारी दी।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी तरह की सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगाई जा रही है। इसमें निगम द्वारा चलायी जा रही बसें भी शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत वायु प्रदूषण वाहनों से निकलने वाला धुआं ही होता है। यह भी फैसला किया गया है कि राज्य के सभी शहरों में जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, उस स्थल को ढंक कर रखना होगा। ताकि निर्माण के दौरान उड़ने वाले धूल-कण उड़कर बाहर नहीं आएं। यह नियम सरकार और निजी दोनों तरह के निर्माण कार्य के लिए होगा। इतना ही नहीं निर्माण कार्य के लिए इस्तेमाल के लिए ले जा रहे सामन को भी ढंग कर ले जाना होगा। निर्माण स्थल के आस-पास नियमित रूप से पानी का छिड़काव भी करना होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर सरकार कार्रवाई करेगी। मुख्य सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव सरकार कराएगी।
*पराली जलाने वालों पर होगी कार्रवाई
यह भी निर्णय लिया गया कि खेतों में पराली जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग सख्ती करेगा और ऐसा करने वालों को चिह्नित भी करेगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान की जानकारी लोगों को दी जाएगी। साथ ही उन्हें जागरूक किया जाएगा कि वायु को प्रदूषित करने वाला कोई भी कार्य नहीं करें। शादी-विवाह अथवा किसी आयोजन में अधिक आवाज करने वाले जेनरेटर का उपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। इसकी नियमित रूप से जांच भी की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
*पटना में 15 साल पुरानी व्यावसायिक गाड़ियों पर सात से रोक*
पटना महानगर में आने वाले दानापुर, फुलवारी और खगौल आदि सभी क्षेत्रों में 15 साल पुरानी व्यवसायिक गाड़ियों के परिचालन पर सात नवंबर से पूरी तरह रोक रहेगा। परिवहन विभाग छह नवंबर को इसका आदेश जारी करेगा। इसके अलगे दिन से यह आदेश प्रभावी हो जाएगा। इसके बाद किसी भी तरह की व्यावसायिक गाड़ियां इस क्षेत्र में नहीं चलेंगी। इसकी जांच के लिए सघन अभियान चलेगा। किरासन तेल मिलाकर ऑटो चलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी। इसकी भी सघन जांच चलेगी। 15 साल पुरानी निजी गाड़ियों के परिचालन को सशर्त छूट दी गई है। 15 साल पुरानी निजी गाड़ियों का नये सिरे से प्रदूषण जांच कर प्रमाणपत्र लेना होगा। इस विशेष प्रदूषण जांच का प्रमाणपत्र लेने के लिए निजी गाड़ियों के मालिकों को कुछ दिनों की मोहलत दी जाएगी। यह जांच कहां पर कब से शुरू होगी, इसकी जानकारी विभाग जल्द देगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी तरह की सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर रोक लगाई जा रही है। इसमें निगम द्वारा चलायी जा रही बसें भी शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत वायु प्रदूषण वाहनों से निकलने वाला धुआं ही होता है। यह भी फैसला किया गया है कि राज्य के सभी शहरों में जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, उस स्थल को ढंक कर रखना होगा। ताकि निर्माण के दौरान उड़ने वाले धूल-कण उड़कर बाहर नहीं आएं। यह नियम सरकार और निजी दोनों तरह के निर्माण कार्य के लिए होगा। इतना ही नहीं निर्माण कार्य के लिए इस्तेमाल के लिए ले जा रहे सामन को भी ढंग कर ले जाना होगा। निर्माण स्थल के आस-पास नियमित रूप से पानी का छिड़काव भी करना होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर सरकार कार्रवाई करेगी। मुख्य सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव सरकार कराएगी।
*पराली जलाने वालों पर होगी कार्रवाई
यह भी निर्णय लिया गया कि खेतों में पराली जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग सख्ती करेगा और ऐसा करने वालों को चिह्नित भी करेगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान की जानकारी लोगों को दी जाएगी। साथ ही उन्हें जागरूक किया जाएगा कि वायु को प्रदूषित करने वाला कोई भी कार्य नहीं करें। शादी-विवाह अथवा किसी आयोजन में अधिक आवाज करने वाले जेनरेटर का उपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। इसकी नियमित रूप से जांच भी की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
*पटना में 15 साल पुरानी व्यावसायिक गाड़ियों पर सात से रोक*
पटना महानगर में आने वाले दानापुर, फुलवारी और खगौल आदि सभी क्षेत्रों में 15 साल पुरानी व्यवसायिक गाड़ियों के परिचालन पर सात नवंबर से पूरी तरह रोक रहेगा। परिवहन विभाग छह नवंबर को इसका आदेश जारी करेगा। इसके अलगे दिन से यह आदेश प्रभावी हो जाएगा। इसके बाद किसी भी तरह की व्यावसायिक गाड़ियां इस क्षेत्र में नहीं चलेंगी। इसकी जांच के लिए सघन अभियान चलेगा। किरासन तेल मिलाकर ऑटो चलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी। इसकी भी सघन जांच चलेगी। 15 साल पुरानी निजी गाड़ियों के परिचालन को सशर्त छूट दी गई है। 15 साल पुरानी निजी गाड़ियों का नये सिरे से प्रदूषण जांच कर प्रमाणपत्र लेना होगा। इस विशेष प्रदूषण जांच का प्रमाणपत्र लेने के लिए निजी गाड़ियों के मालिकों को कुछ दिनों की मोहलत दी जाएगी। यह जांच कहां पर कब से शुरू होगी, इसकी जानकारी विभाग जल्द देगा।
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