दिल्ली, प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन में आरबीआई द्वारा कोरोना सहायता घोषित मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज देने का ऐलान किया ।एवं भारत के आत्म निर्भरता का पांच पिलर की भी बात कही ।

दिल्ली ,    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  देश के संबोधन में कहा कि आज कोरोना से लगभग 42 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं । लगभग पौने तीन(2.75) लाख से ज्यादा लोगों की दुखद मृत्यु हुई है ।भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं । मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं , एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया । विश्व भर में करोड़ों जिंदगियों संकट का सामना कर रही है । सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है । हमने ऐसा संकट ना देखा है ना ही सुना है । निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए यह सब कुछ अकल्पनीय है । यह क्राइसिस अभूतपूर्व है लेकिन थकना ,हारना, टूटना, बिखरना मानव को मंजूर नहीं है । सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए हमें बचना भी है । और आगे बढ़ना भी है , हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा हमें अपना संकल्प इस संकट से भी विराट होगा हम पिछली शताब्दी से हैं । लगातार सुनते आए हैं की पिछली 21वी सदी हिंदुस्तान की है हमें कोरोना से बचने के लिए अर्थ व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने समझने का मौका मिला है । कोरोना संकट के बाद हम भारत की नजरियों से देखते हैं । तो लगता है , 21वी सदी भारत का ही हो । यह हमारे सपना नहीं, यह हम सभी की जिम्मेदारी है । हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है ए स पंथा यही रास्ता है। आत्मनिर्भर भारत साथियों एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत हम मोड़ पर खड़े हैं  । इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है । एक संदेश लेकर आई हैं, एक अवसर लेकर आई है । मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बताने का प्रयास करता हूं ।  जब कोरोना संकट शुरू हुआ तब भारत में तब एक भी पी पी ई किट नहीं बनती थी, n95 मस्क का नाम मात्र उत्पादन होता था   । आज स्थिति यह है कि, भारत में हर रोज 200000 पी पी ई किट बनाए जा रहे हैं । यह हम इसलिए कर पाए ,क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया, आपदा को अफसर में बदलने के भारतीय दृष्टि, आत्मनिर्भर हमारे संकट के लिए उतने ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है । प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने पूरी तरह बदल गए हैं । ग्लोबल में आत्मनिर्भरता की डेफिनेशन बदल गई है । अर्थ वैश्वीकरण बनाम मानवीकरण की चर्चा जोरों पर है । विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन , आशा की किरण नजर आता है । भारत की संस्कृति भारत के संस्कार उस निर्भरता की बात करते हैं । जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है , विश्व एक परिवार भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है । तो आत्म केंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख , सहयोग और शांति की चिंता होती है । जो संस्कृति जय जगत में विश्वास रखती है । जो जीव मात्र का कल्याण चाहती हो जो पूरे विश्व को परिवार मानती हो , जो अपने आस्था में मातृभूमि हैं, पृथ्वी हां इसकी सोच रखती हो ,जो पृथ्वी को माँ मानती हो , वह संस्कृति वह भारत भूमि जब आत्मनिर्भर बनती है । तब उसे एक सुखी समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है । भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है । भारत के लक्षणों का प्रभाव भारत के कार्यों का प्रभाव , विश्वकल्याण पर पड़ता ही है । जो भारत खुले में शौच से मुक्त होता है । तो दुनिया की तस्वीर भी बदलती है , भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही है । इंटरनेशनल ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ भारत को दुनिया को सौगात है । इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल मानव को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है।  जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती है । इन कदमों से दुनियाभर में भारत की भूरी भूरी प्रशंसा होती है । तो स्वभाविक है , हर भारतीय गर्व करता है, दुनिया को विश्वास होने लगा है ,कि' भारत बहुत अच्छा कर सकते हैं । मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है । सवाल यह है कि आखिर कैसे इस सवाल का भी उत्तर है । 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प साथियों हमारा सदियों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है । भारत जब समृद्ध था सोने की चिड़िया कहा जाता था । संपन्न था , तब सदा विश्व के कल्याण की राह पर ही चला ,वक्त बदल गया, देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ गया ,हम विकास के लिए तरसते रहे । आज फिर भारत विकास की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ा रहा है । तब भी विश्व कल्याण की राह पर अटल है । याद कीजिए इस शताब्दी के शुरुआत के समय एक संकट आया था, जिसने भारत की टेक्नोलॉजी ने दुनिया को संकट से निकाला था आज हमारे पास साधन है  । हमारे पास दुनिया की सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे ,अपनी क्वालिटी और बेहतर करेंगे । सप्लाई चैन को और आधुनिक बनाएंगे, यह हम कर सकते हैं, और हम जरूर करेंगे ।  और उन्होंनेेे कहा कि मैंने अपनी आंखों के सामने कच्छ भूकंप के वो दिन देखे हैं । हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा सब कुछ ध्वस्त हो गया । ऐसा लगता था, मानो का मौत की चादर ओढ़ कर सो गया , उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि, कभी हालत बदल पाएंगे।  लेकिन देखते ही देखते कुछ उठ खड़ा हुआ । यही हम भारतीयों की संकल्प शक्ति है, हम ठान ले तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं । कोई राह मुश्किल नहीं ,आज तो चाहा भी है ,राह भी है । यह है भारत को आत्मनिर्भर बनाना, भारत की संकल्प शक्ति ऐसी है कि, भारत आत्मनिर्भर बन सकता है  । साथ आत्मनिर्भर भारत की  5 पीलर है ।
#  पहला पिलर इकोनामिक एक ऐसी इकोनामिक जो इंक्रीमेंटर्स चेंज नहीं बल्कि कंटम जंप लाए ।
# दूसरा पिलर इन स्ट्रक्चर एक ऐसा इन पस्त अक्षर जो आधुनिक भारत की पहचान बने । 
# तीसरा पिलर हमारी सिस्टम एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी में नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सताओ साकार सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी जीवन व्यवस्थाओं पर आधारित हो ।
# चौथा फिल्म हमारे डेमोग्राफी दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में ,हमारे डेमोग्राफी हमारी ताकत है ।आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।
# पांचवा पिलर डिमांड हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड, और सप्लाई सेन का जो चक्र है ।जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है ।
 देश में डिमांड बढ़ाने के लिए, डिमांड पूरा करने के लिए , हमारी सप्लाई चैन के हार स्टेकहोल्डर का सशक्त होना जरूरी है । हमारी supply-chain हमारी आपूर्ति के इस व्यवस्था को, हम मजबूत करेंगे । जिसमें मेरे देश की मिट्टी की महक हो , हमारे मजदूरों के पसीने की खुशबू , प्रधानमंत्री ने कहा  की  कोरोना संकट का सामना करते हुए ,नए संकल्प के साथ, मै आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं   यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान कि हम करी के तौर पर काम करेगा । उन्होंनेे कहा की हर हाल में, सरकार ने कोरोना आर्थिक सहायता घोषणा की थी ,जो रिजर्व बैंक के फैसले थे ,और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है । उसे जोड़ दें तो यह करीब करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है । भारत का इन सब के जरिए देश के विभिन्न राज्यों को आर्थिक व्यवस्था की कमियों को ₹200000 (बीस लाख)करोड़ का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा । 2020 में देश के विकास यात्रा को इसमें भारत अभियान को एक नई गति देगा । आत्मनिर्भर भारत को सिद्ध करने के लिए ,इस पैकेज में लिक्विडिटी, और लॉज ,सभी पर बल दिया गया है । यह आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग , हमारे लघु उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए है । जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है । जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का मजबूत आधार है । यह आर्थिक पैकेज देश के श्रमिक के लिए है । देश के उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहा है।  हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है ,जो ईमानदारी से टैक्स के पैसे देता है । देश के विकास में अपना योगदान देता है । यह आर्थिक पैकेज भारत के उद्योग जगत के लिए है । जो भारत के आर्थिक सामर्थ्य को बुलंदी देने के लिए संकल्पित है । कल से शुरू करके आने वाले कुछ दिनों तक वित्त मंत्री द्वारा आप को आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित इस आर्थिक पैकेज की विस्तार से जानकारी दी जाएगी  । प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बनाने के लिए ,बोल्ड रिफॉर्म्स की प्रतिबद्धता के साथ ,आप देश को आगे बढ़ना आने वाले हैं । आपने भी अनुभव किया है बीते 6 वर्षों में जो रिफॉर्म्स हुए हैं । उसके कारण आज संकट के समय भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम अधिक सामर्थ नजर आई है । वरना कौन सोच सकता था, भारत सरकार जो पैसे भेजेगी वह पूरा का पूरा गरीब की जेब में , किसान के जेब में जाएगा ,लेकिन यह हुआ । वह भी तब हुआ जब तमाम सरकारी दफ्तर बंद थे, ट्रांसपोर्ट के साधन बन थे । जन धन आधार ,मोबाइल जेएम ऐप्प की त्रिशक्ति से जुड़ा सिर्फ एक इंसान था । जिसका असर हमने अभी देखा   ऑपरेशंस के उस दायरे को व्यापक करना है ,नई ऊंचाई देने हैं, यह फार्म खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चैन में होगी । ताकि किसान भी सशक्त हो, और भविष्य में कोरोनावायरस में कृषि पर कम से कम असर हो । यदि फॉर्म सरल और स्पष्ट नियम कानून, उत्तम इंफ्रास्ट्रक्चर, सक्षम हुमन ,रिसर्च और मजबूत फाइनेंशियल्स निर्माण के लिए होगा   । यह फार्म बिजनेस को प्रोत्साहित करेंगे, निवेश को आकर्षित करेंगे , और मेक इन इंडिया के हमारे संकल्प को शत-शत सशक्त करेंगे  । उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है  । आत्मनिर्भरता ग्लोबल सप्लाई चैन में, कैरियर स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है । और आगे समय की मांग है ,कि 'भारत हर स्पर्धा में जीते, ग्लोबल सप्लाई चैन ने बड़ी भूमिका निभाई इसे समझते हुए आर्थिक पैकेज में अनेक प्रावधान किए गए हैं । इससे हमारे सभी सेक्टर की फैंसी बढ़ेगी और क्वालिटी भी सुनिश्चित होगी । उन्होंनेे कहा कोरोना संकट इतना बड़ा  है कि, बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हील गई है । लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने देखने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष शक्ति , उनकी संयम शक्ति का भी दर्शन किया है । खासकर हमारे जो रेडी वाले भाई बहन हैं, ठेला लगाने वाले, पटरी पर सामान बेचने वाले , जो हमारे श्रमिक साथी हैं ,जो घरों में काम करने वाले भाई बहन हैं । उन्होंने इस दौरान बहुत कष्ट झेले हैं । तपस्या  किया है, ऐसा कौन होगा जिसने महसूस नहीं किया , अब हमारा संकल्प है, उन्हें ताकत बनाने का ,उनकी आर्थिक हितों के लिए कुछ बड़े कदम उठाने का, इसे ध्यान में रखते हुए गरीब हो ,श्रमिक हो, प्रवासी मजदूर हो, पशुपालक हो, हमारे मछुआरे साथ ही हो । संगठित क्षेत्र से हो या, असंगठित क्षेत्र से , हर तबके के लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना  हमें लोकल मैन्युफैक्चरिंग ,लोकल मार्केट ,लोकल सप्लाई चैन, इसका भी महत्व बराबर समझा दिया है । संकट के समय में लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है । हमें इस लोकल ने हीं बचाया है । लोकल सिर्फ जरूरत नहीं , बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है । याद रहे समय ने हमें सिखाया है कि , लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा । आपको आज जो ग्लोबल बस लगते हैं । वह भी ऐसे ही लोकल थे ,जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया, उनका प्रचार शुरू किया, उनकी ब्रांडिंग की ,उन पर गर्व किया, तो वह प्रोडक्ट लोकल से ग्लोबल बन गया । वह प्रोडक्ट लोकल से ग्लोबल बन गया । इसलिए आज से हर भारतवासी, अपने लोकल के लिए वोकल बनना है । ना सिर्फ लोकल प्रोडक्ट खरीदने हैं ,बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है । प्रधानमंत्री ने कहा मुझे पूरा विश्वास है, हमारा देश ऐसा कर सकता है । आपके प्रश्नों ने तो हर बार आप के प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है । मैं गर्व के साथ एकता महसूस करता हूं । याद करता हूं , जब मैंने आपसे देश से खादी खरीदने का आग्रह किया था । यह भी कहा था देश के हैंडलूम वर्कर को सपोर्ट कीजिए । आप देखिए बहुत ही कम समय में खादी और हैंडलूम दोनों को ही डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है । इतना ही नहीं उसे आपने बड़ा ब्रांड भी बना दिया । बहुत छोटा सा प्रयास था, लेकिन परिणाम मिला बहुत अच्छा परिणाम मिला । साथियों सभी एक्सपोर्ट बताते हैं , साइंटिस्ट बताते हैं , कि करोना लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बना रहेगा । लेकिन साथ ही हमेशा भी नहीं होने दे सकते हैं । हमारी जिंदगी सिर्फ और सिर्फ कोरोना के डिलीट कर जाएंगे ,दो गज दूरी का  पालन करेंगे । लेकिन अपनों को दूर नहीं होने देंगे । इसलिए लॉक डाउन का चौथा चरण लोग पूरी तरह, नए रंग रूप वाला होगा ,नए नियम वाला होगा । राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उसके आधार पर लॉक डाउन 4 इससे जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी । मुझे पूरा भरोसा है कि, नियमों का पालन करते हुए हम  कोरोना से लड़ेंगे भी ,और आगे भी बढ़ेंगे, उन्होंने कहा साथियों हमारे यहां कहा गया है , सर्वर आत्मा वचन सुखम , अर्थात जो हमारे बस में है, जो हमारे नियंत्रण में है, वही सुख है, आत्मनिर्भरता हमें सुख और समृद्धि देने के साथ-साथ संतुष्ट भी करती है।  आत्मनिर्भर भारत के प्रणब से ही पूरा होगा इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राण शक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी । आत्मनिर्भर भारत का यो यो हम भारतवासी के लिए न्यूनतम भी होगा नूतन पर्व भी होगा । अब एक नई प्राणशक्ति नई संकल्प शक्ति उसे लेकर के हमें आगे बढ़ना है । जब आचार ,विचार, कर्तव्य, भाव से सराबोर हो ,कर्मठता की पराकाष्ठा हो ,कौशल्य की पूंजी हो ,तो आत्मनिर्भर भारत बनने से कौन रोक सकता है ।हम भारत को आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं । हम भारत को आत्मनिर्भर बनाकर रहेंगे । इस संकल्प के साथ इस विश्वास के साथ आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं ।  अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आप अपने स्वास्थ्य का अपने परिवार अपने करीबियों का जरूर ध्यान रखिए। 

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