मौर्य समाचार , मुजफ्फरपुर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में कोविड-19 से संबंधित गठित विभिन्न कोषांगों यथा कोविड -19 सैंपल एवं जांच से सम्बंधित बैठक की गई ।

मुजफ्फरपुर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में कोविड-19 से संबंधित गठित विभिन्न कोषांगों यथा कोविड -19 सैंपल एवं जांच कोषांग, कोविड  मरीज प्रबंधन कोषांग, कोविड-19 उपचार केंद्र प्रबंधन कोषांग, संसाधन प्रबंधन कोषांग, एंबुलेंस व मोर्चरी वाहन कोषांग ,नियंत्रण एवं टेलीमेडिसिन कोषांग एवं कंटेनमेंट जोन प्रबंधन कोषांग से संबंधित बैठक आहूत की गई ।बैठक में कोषांग वार अद्धतन उपलब्धियों की समीक्षा की गई एवं प्रत्येक कोषांग से संबंधित वरीय और नोडल पदाधिकारियों को गंभीरता पूर्वक अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने का निर्देश दिया गया। संसाधन प्रबंधन कोषांग की समीक्षा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि 264 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध था।  
जिसमें से  237 को संबंधित जगहों पर उपयोग हेतु लगाया गया है। जिसमें से शेष 27 को स्टोर में रखा गया है। बताया गया कि बाद में 250 और सिलेंडर प्राप्त हुए जिसमें से 100 तुर्की डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में तथा 20 ग्लोकल  में इस्तेमाल के लिए लगाया गया है। इस तरह अभी आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु 157 ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोर में रखा गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इस्तेमाल के लिए लगाए गए एक- एक सिलेंडर का रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। स्वास्थ विभाग द्वारा बताया गया कि डेडिकेटेड  हेल्थ केयर सेंटर ग्लोकल में 60 बेड ऑक्सीजन युक्त तथा तुर्की में 100 बेड ऑक्सीजन युक्त तैयार कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि हल्के या मध्यम लक्षण वाले मरीजों का इलाज संबंधित दोनों डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में इलाज करना शुरू कर दें। मालूम हो कि सरकार का गाइडलाइन है कि  90% तक ऑक्सीजन का यदि सेचुरेशन है तो उनका इलाज संबंधित केंद्रों में किया जाएगा। यदि उससे कम है तो उनका इलाज एसकेएमसीएच में किया जाएगा।एसकेएमसीएच की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि मरीनों को एडमिट करने  तथा एडमिट करने के बाद उनके प्रारंभिक ट्रीटमेंट में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह खेद का विषय है ।उन्होंने नाराजगी प्रकट की और कहा कि यदि इस प्रकार का कोई मामला भविष्य में आता है तो प्रत्येक मामलों में  जिम्मेदारी तय की जाएगी और तदनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ सफाई की व्यवस्था भी निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ।
 वहीं सदर अस्पताल परिसर में स्थित मातृ- शिशु अस्पताल को लेकर सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि एंबुलेंस की उपलब्धता में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।इसके साथ मोर्चरी वाहन की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई और आवश्यक निर्देश दिया गया। नियंत्रण कक्ष एवं टेलीमेडिसिन कोषांग की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले पॉजिटिव मरीजों का टेलीमेडिसिन की सेवा निरंतर जारी रहनी चाहिए। साथ ही उनकी काउंसलिंग भी लगातार होनी चाहिए। बैठक में निर्देश दिया गया कि सभी पीएचसी रैपिड एंटीजन टेस्ट लक्ष्य के अनुरूप करना सुनिश्चित करें। इस संदर्भ में पीएचसी /सीएचसी बोचहां,बंदरा,कांटी, कुढ़नी, साहिबगंज ,पारू द्वारा इस संबंध में कोताही बरतने पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी प्रकट की गई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि लक्ष्य के अनुरूप टेस्ट नहीं किए जाने पर सम्बंधित चिकित्सा पदाधिकारी  का  उस दिन का वेतन स्थगित रहेगा ।इसके साथ ही निर्देश दिया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां सामुदायिक किचेन चल रहा है वहां भी सैंपलिंग  का कार्य किया जाए ।साथ ही कंटेन्मेंट ज़ोन में नियमित तौर पर सैम्पलिंग/स्क्रीनिंग का कार्य मेडिकल टीम द्वारा किया जाना अनिवार्य है। बैठक में सहायक समाहर्ता खुशबू गुप्ता ,सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर, डीपीआरओ कमल सिंह, अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण अशोक कुमार सिंह के साथ जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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