बीएड और डीएलएड संस्थानों पर शिकंजा बढ़ा, ऐसा न करने पर छीन ली जाएगी इनकी मान्यता


राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त बीएड और डीएलएड संस्थानों को अब पारदर्शिता बरतनी होगी। एनसीटीई ने इन संस्थानों पर शिकंजा कस दिया है। ऐसे सभी संस्थानों को हर साल अब भूमि, शिक्षकों और छात्रों का पूरा विवरण और संस्थान की बैलेंस शीट देनी होगी। ऐसा न करने पर इनकी मान्यता छीन ली जाएगी। 
एनसीटीई ने उन सभी संस्थाओं से एनुअल अप्रेजल रिपोर्ट (एएआर) हर साल देने को अनिवार्य कर दिया है, जो यहां से मान्यता प्राप्त हैं। इससे यह संस्थान अपने स्तर पर गड़बड़ियां नहीं कर सकेंगे। रिपोर्ट में संस्थान के बारे में पूरी जानकारी हर साल देनी होगी, जिनका उपयोग निरीक्षण में किया जा सकेगा। एनसीटीई मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर एचसी पंत का कहना है कि इससे संस्थानों में काफी सुधार आएगा। 
शिक्षकों का पंजीकरण कराएं
सभी संस्थानों को अपने हर शिक्षक का पंजीकरण कराना होगा। इससे उन्हें शिक्षक का यूनीक नंबर मिल जाएगा। इस यूनीक नंबर के माध्यम से उनके प्रोफाइल को अपडेट किया जाता रहेगा। शिक्षक के सभी डॉक्युमेंट भी बोर्ड या विश्वविद्यालय आदि से सत्यापित कराने होंगे। इसकी जानकारी भी दें 
संस्थान की भूमि से जुड़े दस्तावेज 100 रुपए के स्टांप पेपर पर शपथपत्र के साथ देने होंगे। इसमें लैंड के सभी डॉक्युमेंट्स लगाने होंगे जैसे सीएलयू, रजिस्ट्रेशन कॉपी, लैंड यूज सर्टिफिकेट, म्यूटेशन सर्टिफिकेट आदि। भवन का वीडियो आदि भी देना होगा।
हाजिरी समेत विवरण
शिक्षकों और छात्रों का हाजिरी समेत पूरा विवरण। इसके अतिरिक्त मान्यता प्रमाणपत्र, सभी बैलेंस शीट आदि भी बतानी होंगी। 31 दिसंबर तक यह रिपोर्ट संस्थानों को भेजनी होगी।

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