"मौर्य समाचार,, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारी के साथ मुख्य बिंदुओं पर की गहन समीक्षा बैठक ।


       
 अस्वीकृत, लंबित एवं त्रुटिपूर्ण राशन कार्ड के जांच उपरांत सही पाए गए आवेदनों को पहले सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए , तत्पश्चात राशन कार्ड शीघ्र निर्गत करने की कार्रवाई की जाए।।
    राशन कार्ड विहीन परिवारों को जीविका दीदियों द्वारा चिन्हित कर, सूची के अनुसार तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए । तत्पश्चात राशन कार्ड सीघ्र निर्गत करने की भी कार्रवाई की जाए।।
 आपदा राहत केंद्रों में मिलेगी बाढ़ राहत शिविर जैसी सुविधाएं बर्तन , कपड़ा , और दूध से लेकर सभी सुविधाएं शिविर में खाना बनाने को दी जाएगी राशि ।।
  प्रभावित जिलों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चलाए जा रहे डोर टू डोर स्क्रीनिंग का दायरा भी बढ़ाया जाए ।।
 सोशल मीडिया पर अफवाह एवं भ्रांति फैलाने वाले से दूर रहें ।।

पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  मुख्य सचिव एवं अन्य  अधिकारियों के साथ  समीक्षा बैठक की, बैठक में मुख्य सचिव ने पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर , डोर टू डोर कैंपेन की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।
राशन कार्डधारियों को दी जा रही ₹1000 की सहायता राशि एवं गेहूं अधिप्राप्ति की स्थिति के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्वीकृत , लंबित एवं त्रुटिपूर्ण राशन कार्ड ओके जांच उपरांत , सही पाए गए आवेदन को पहले सहायता राशि एवं अन्य मदद उपलब्ध कराई जाए । तत्पश्चात राशन कार्ड शीघ्र निर्गत करने की भी कारवाई की जाए।
साथ ही राशन कार्ड वहीं परिवार को जीविका दीदियों द्वारा चिन्हित कर सूची के अनुसार चयनित परिवारों को राशन कार्ड निर्गत होने का इंतजार किए बिना सहायता राशि एवं अन्य मदद तत्काल उपलब्ध कराया जाए। और तत्पश्चात सूची के आधार पर उन्हें राशन कार्ड निर्गत करने की भी कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने गेहूं अधिप्राप्ति की समीक्षा के क्रम में कहा कि पैक्सो के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति कार्य में तेजी लाई जाए ताकि किसानों को उनके फसल का उचित लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री नेम कहा कि राज्य के अंदर चल रहे आपदा राहत केंद्रों में बिहारी मजदूर ठेला वेंडरों रिक्शा चालकों एवं अन्य जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण भोजन के साथ साथ बाढ़ राहत शिविरों जैसी सुविधाएं बर्तन कपड़ा और दूध के अलावा अन्य मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए। शिविर में खाना बनाने वाले को अलग से परिश्रमिक देने की व्यवस्था की जाए । उन्होंने कहा की लोगों की जरूरतों को देखते हुए आवश्यकतानुसार आपदा राहत केंद्र की संख्या भी बढ़ाएं। मंत्री नेम कहा कि बिहार के बाहर फंसे लोग बिहार में रह रहे अपने निकट संबंधी एवं परिवार के सदस्य के लिए हैं परेशान ना हो। हम उनका पूरा ध्यान रख रहे हैं ।

समीक्षा के क्रम में जानकारी दी गई कि पल्स पोलियो के अभियान के तर्ज पर प्रभावी जिले में कोरोना संदिग्धों की पहचान के लिए डोर टू डोर क्लीनिंग चलाया जा रहा है। जिसमें अब तक 36 लाख 14  हजार घरों का सर्वे किया जा चुका है। उसमें से मात्र 1386 लोगों में सर्दी खांसी एवं जुकाम बुखार के सामान्य लक्षण है । फिर मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर टू डोर स्क्रीनिंग का दायरा और भी बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि लॉक डाउन का पालन करने से कुरौना संक्रमण से बचाव में काफी मदद मिल रही है। साथ ही अन्य बीमारियों से भी लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। नॉक डाउन का पालन और सोशल डिस्टेंस इन है हम सभी को सुरक्षित रख सकेगा। किसलिए हमें सोशल डिस्टेंसिंग और लोक डॉन को पालन करवाने विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
नीतीश कुमार ने  कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए की जन वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों में वितरित किए जा रहे हैं खाद्यान्न की गुणवत्ता एवं उसकी तौल सही हो। यदि उसमें कोई गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की की सोशल मीडिया पर भ्रांति एवं अफवाह फैलाने वाले लोगों से सतर्क रहें एवं सावधान रहें। ऐसे लोगों पर बिहार पुलिस का सोशल मीडिया का निगरानी तंत्र ना केवल नजर रख रहा है। बल्कि उन पर कार्रवाई भी कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आप लोग सोशल डिस्टेंसिंग एवं लोक डाउन का पूर्ण रूप से पालन करेंगे तो हम सभी इसको रोना जैसी महामारी को हराने में कामयाब होंगे।

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