शराबबंदी को लेकर डी•जी•पी• गुप्तेश्वर पांडेय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ,मुजफ्फरपुर जिले के सभी जनप्रतिनिधियों एवं थानाध्यक्षों के साथ की बैठक ।।

जिलाधिकारी कार्यालय,मुजफ्फरपुर शराबबंदी कानून समाजिक लोक चेतना के स्तर को उठाता है। एक खूबसूरत समाज के निर्माण की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया यह एक प्रभावशाली कदम है। यह एक सामाजिक क्रान्ती का पर्याय है।  बच्चों ,किशोरों  युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए नशापान की विकृत सामाजिक परंपरा  पर हम सब मिलकर ही  कुठाराघात कर सकते हैं। यह  हम सबों की  सामूहिक जिम्मेदारी है।--डीजीपी ,गुप्तेश्वर पांडेय (डीजीपी, बिहार) श्री गुप्तेश्वर पांडेय ने आज जिले के मुखिया गण, सरपंच, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, अध्यक्ष, तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण के साथ-साथ प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, थानाध्यक्ष एवं जिला स्तरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शराबबंदी, अपराध नियंत्रण एवं सांप्रदायिक सौहार्द हेतु जन संवाद स्थापित किया। इस हेतु समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया  जिसमें  जिलाधिकारी,  वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त , जिला परिषद अध्यक्ष , सहायक समाहर्ता जिला पंचायती राज पदाधिकारी ,नगर पुलिस अधीक्षक सहित  जिला स्तरीय पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।जनसंवाद  के तहत  उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए  कहा कि नशाबंदी कानून समाजिक लोक चेतना के स्तर को उठाता है। यह सिर्फ कानून ही नहीं बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर सरकार कृत संकल्पित है ।उन्होंने कहा कि बच्चों, किशोरों, युवाओं जो कि हमारे देश के भविष्य हैं उनको बचाने के लिए नशा- पान जैसी विकृत सामाजिक परंपरा पर हम सभी मिलकर ही प्रहार कर सकते हैं। इसके संपूर्ण खात्में में हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि नशा से बुद्धि भ्रष्ट होती है, आत्मबल गिरता है, विवेक खत्म होता है, नैतिक सामाजिक और आध्यात्मिक पतन होता है ।ऐसे में हम सुंदर समाज की कल्पना नहीं कर सकते। आइए  हम सब मिलकर नशापान पर प्रहार करें और अपने नैतिक और सामाजिक कर्तव्यों को समझते हुए अपने जिम्मेदारियों के निर्वहन में महती भूमिका निभाएं ताकि एक सुंदर, स्वच्छ और खूबसूरत समाज का निर्माण हो सके । जन संवाद के दौरान सभी से अपराध नियंत्रण और शराबबंदी में सहयोग मांगा। चौकीदार से लेकर थानास्तर के पुलिसकर्मियों के मनोबल को ऊंचा उठाया। कहा कि क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस को आम जनता से सहयोग लेना होगा। डीजीपी ने कहा कि हमें जनता का विश्वास जीतकर नकारात्मक छवि को दूर करना होगा। जनता की समस्याएं दूर कर पुलिस उनका दिल जीत सकती है। अपने चाल-चरित्र से जनता को भरोसा दिलाना होगा। कम्यूनिटी पुलिसिग पर जोर दिया। कहा कि सभी पुलिसकर्मी एक बात अपने मन-मस्तिष्क में बैठा लें कि वे जनता के सेवक हैं, मालिक नहीं। जो पुलिसकर्मी जनसेवक का सम्मान नहीं करेंगे, वे पद पर रहने के अधिकारी नहीं हैं। कोई शरीफ आदमी थाने को कोई सूचना नहीं देना चाहता। कोई गरीब व्यक्ति थाने पर जाने से डरे नहीं, इसका ध्यान रखना होगा। उन्होंने सभी लोगों से नशे की गिरफ्त से नौजवान पीढ़ी को बचाने की भावुक अपील की। नशे से कमाई करने वालों को  चेतावनी भी दी।      जहां भी रहेगा रोशनी लुटायेगा, किसी चराग का अपना मकां नहीं होता। मशहूर शायर वसीम बरेलवी की इन पंक्तियों को अपनी अभिव्यक्ति देते हुए डीजीपी  ने कहा कि नशा से परहेज और उससे दूरी व्यक्तित्व को निखारता है। चरित्र को सबल बनाता है। ऐसे लोग जहां भी जाते हैं सुंदर समाज के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जात, धर्म, मजहब ,वर्ग से परे उठकर कार्य करें। सांप्रदायिक सौहार्द से समाज की संरचना को मजबूती मिलती है।हम सभी मिल-जुल कर रहें ताकि समाज में खुशियां और सौहार्द कायम रहे। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द समाज के जड़ को सींचता है। इससे न केवल समाज को मजबूती मिलती है बल्कि आदमी के जीवन में खुशियां आती है। उल्लास आता है।                 

                           : -    मौर्य ध्वज एक्सप्रेस

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