नलकूपों की मरम्मती में पंचायत द्वारा जिन कठिनाइयों का सामना किया जा रहा है उनका त्वरित निष्पादन कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि पंचायत वार कितने नलकूप हैं?इसकी सूची उपलब्ध कराएं एवं कितने ऐसे नलकूप हैं ।प्राक्कलन के अभाव में जिनकी मरम्मत नहीं हुई है।
निर्देश दिया कि इसके लिए विभागीय इंजीनियर के माध्यम से तत्काल प्राक्कलन बनाते हुए अपेक्षित करवाई करना सुनिश्चित की जाए।
पंचायत में कितने नलकूप ऐसे है जो अतिक्रमित है? कितने का एमवी बुक हुआ है?,कितने पंचायतों द्वारा कार्योपरांत उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया गया है?इस संबंध में डिटेल्स दी जाय।
लघु सिंचाई प्रमंडल मुजफ्फरपुर के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार सिन्हा द्वारा बताया गया कि जिले के 244 पंचायतों में 461 राजकीय नलकूपों को पंचायत को हस्तांतरित किया गया है ताकि पंचायतों द्वारा उनका नियमित रूप से अनुरक्षण एवं मरम्मती का कार्य किया जा सके और इस हेतु ही उन्हें राशि प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि जो नलकूप खराब हैं उनकी मरम्मती के पश्चात फसल के पटवन में किसानों को सुविधा होगी। किसान इसका लाभ ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि राजकीय नलकूपों की मरम्मत , उसका अनुरक्षण ,बिजली बिल भुगतान इत्यादि से संबंधित तथा राजकीय नलकूपों का व्यवस्थित रखरखाव के लिए वित्तीय वर्ष2018-19 में 2.09 करोड़ वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में 90 लाख रुपया पंचायतों को दिया गया था जिसके विरुद्ध में पंचायतों द्वारा कार्योपरांत अभी तक 01 करोड़ 10 लाख का उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया गया है। शेष की मांग की गई है जो कार्योपरांत शीघ्र ही उपलब्ध करा दिया जाएगा।
संवाददाता, प्रेमशंकर
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