दिल्ली @ कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गृह मंत्रालय ने प्रभावी नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है जो 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगा और 30 अप्रैल, 2021 तक लागू रहेगा। यह दिशा-निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को देश के सभी हिस्सों में टेस्ट, ट्रैकिंग और ट्रीट प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने के लिए बाध्य करता है। इसके तहत भी सभी राज्यों को कहा गया है कि टीकाकरण की गति बढ़ाए और नए मामलों की जांच, पड़ताल और उपचार में भी तेजी लाएं। जरूरत पड़ने पर स्थानीय स्तर पर जरूर नियंत्रण लगाया जा सकता है लेकिन अंतरराज्यीय आवागमन और माल की ढुलाई पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती है। विदेशों से होने वाले व्यापार से जुड़े आवागमन पर भी कोई रोक नहीं लगेगी। गृहमंत्रालय ने साफ किया है कि इसके लिए अलग से किसी और दिशानिर्देश या अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
इसमें कहा गया कि जिन राज्यों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों का अनुपात कम है, उन्हें तेजी से बढ़ाकर 70 प्रतिशत या उससे अधिक कर देना चाहिए। गहन टेस्ट के परिणामस्वरूप पाए गए नए पॉजिटिव मामलों को जल्द से जल्द और समय पर उपचार प्रदान करने के लिए क्वारंटीन करने की आवश्यकता है। इसमें कहा गया कि कोरोना के पॉजिटिव मामलों और उनके संपर्कों की ट्रैकिंग के आधार पर जिला अधिकारियों को कंटेंट जोन को चिन्हित करना होगा और उन्हें वेबसाइटों पर सूचित करना होगा।
गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कार्यस्थलों में और सार्वजनिक रूप से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कोविड से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें