युवा वर्गों के उत्थान के लिए जल्द राष्ट्रीय युवा आयोग गठित करे केन्द्र सरकार ,(पूर्व मंत्री अजित कुमार)


मुजफ्फरपुर - युवा वर्ग के उत्थान के लिए केंद्र सरकार शीघ्र गठित करें राष्ट्रीय युवा आयोग। यह समय की माँग है अन्यथा जिस तरह युवा वर्ग मुख्यधारा से विमुख हो रहे हैं आने वाले दिनों में यह स्थिति समाज ही नहीं राष्ट्र के लिए बड़ी चुनौती बनेगी।
उक्त बातें रविवार को कांटी क्षेत्र के रोशनपुर रसूलपुर एवं सिरना गांव में छात्र- युवा अभिभावक के संयुक्त सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा । उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी, बेकारी एक बड़ी समस्या बन गई है । स्थिति है कि रोजगार के अभाव में पढ़े लिखे नौजवान गलत दिशा की ओर बढ़ रहे हैं । जिस कारण अपराध व अपराधिक घटना काफी बढ़ गयी। युवा वर्ग चाहते हैं की उन्हें रोजगार मिले,लेकिन उन्हें रोजगार का अवसर नहीं मिल पा रहा है । बदलते युग में युवा वर्ग का आवश्यकता भी काफी बढ़ गई है । आवश्यकता की पूर्ति नहीं होने के कारण उनके सोच में काफी तेजी से बदलाव हुआ है ,जो गंभीर चिंता का विषय है।
 उन्होंने कहा कि इस देश में युवाओं के बेहतरी के लिए सरकार ने अभीतक कोई स्पष्ट नीति नहीं बना पाई। जबकि इस देश में अनुपातिक दृष्टि से देखा जाए तो छात्र- युवा की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री से मांग की है कि शीघ्र राष्ट्र के युवा शक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्रीय युवा आयोग गठित कर समय सीमा के अंदर देश के युवाओं का दशा- दिशा का आकलन कराएं। साथ ही 6 माह के अंदर उनका दशा दिशा सुधरे इस निमित्त सकारात्मक कदम उठाएं। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने बच्चों मे शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी पैदा करें। ई0 कुमार ने युवकों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने चरित्र का निर्माण करें,  अपनी योग्यता बढ़ाएं आपको कोई नहीं पछाड़ पाएगा।
सभा को संबोधित क्रमश: रवीश कुमार एवं सुमन ठाकुर ने किया।   सभा में पानापुर, रोशनपुर ,रसूलपुर ,सेरना, बसंतपुर गांव के  सैकडो युवा शामिल थे। इस अवसर पर सभा को  1 दर्जन से अधिक युवा, छात्र व अभिभावकों ने संबोधित किया। जिसमें अरविंद सिंह, दिनकर सिंह, अभिषेक कुमार, कृष्णा कुमार, किशन कुमार ,विश्वजीत कुमार, अर्पण कुमार, इंद्रजीत कुमार, दिवाकर, प्रमोद भगत, राहुल कुमार, मोहम्मद शमीम, केशव कुमार ,विवेक कुमार ,आकाश कुमार आदि प्रमुख थे।

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