मुजफ्फरपुर , नल-जल , पीएम आवास योजना सहित कई विभागों में गड़बड़ी को लेकर बैठक में डी एम ने संबंधित अधिकारियों को दिय सख्त निर्देश ।।

मुजफ्फरपुर .........
समाहरणालय सभाकक्ष में आज जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की समीक्षात्मक सप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई। बैठक में सरकार के विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई एवं इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा महत्वपूर्ण निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
पंचायती राज विभाग एवं पीएचईडी द्वारा क्रियान्वित हर घर नल का जल योजना के जांच के क्रम में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिसके आलोक में कार्रवाई भी की जा रही है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि नल जल योजना तथा अन्य विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के क्रम में  किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर पर इसके लिए दोषी पदाधिकारियों /कर्मियों पर जिम्मेदारी फिक्स की जाएगी ।
आरटीपीएस की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पंचायत सुविधा केंद्र को फैसीलेट करना सुनिश्चित करें ताकि पंचायतें सुदृढ़ हो सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि पंचायतों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों की उपस्थिति विवरणी पंचायत सचिव के माध्यम से आनी चाहिए। साथ ही जो कार्यपालक सहायक जिस पंचायत में कार्यरत हैं वे पंचायत में ही कार्य करें। पंचायत सचिव से उपस्थिति विवरण प्राप्त करने के बाद ही उनके मानदेय का भुगतान होगा ।
उन्होंने सभी वीडियो को निर्देश दिया कि "भारत नेट"के माध्यम से पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर लगाया गया है। संबंधित एजेंसी द्वारा बताया गया कि 325 पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर लगाए लगाए गए हैं। निर्देश दिया कि इस संबंध में प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं कि किन-किन पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर लगाया जा चुका है।
साथ ही कन्या विवाह योजना के लंबित मामलों का तेजी से निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। पिछले एक सप्ताह में उक्त योजना के तहत बन्दरा,औराई,मुरौल और गायघाट द्वारा नील डिस्पोजल पर नाराजगी प्रकट की गई और इसके निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। 
आरटीपीएस के तहत विभिन्न पदाधिकारियों पर दंड अधिरोपण के विरुद्ध वसूली की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी नाराज दिखे। उन्होंने निर्देश दिया कि वसूली के कार्य में तेजी लाई जाए। 
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की समीक्षा के क्रम में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 60 दिन के बाद विस्तारित मामले में शिक्षा विभाग का 25 ,आपूर्ति का 16, एसएसपी कार्यालय 12 ,नगर निगम में 3 ,एसडीसी बैंकिंग 11 मामले लंबित है। जिलाधिकारी में कहा कि लोक प्राधिकार मामलों का निष्पादन गंभीरता पूर्वक करें और इसमें तेजी लाना सुनिश्चित करें। 
जिलाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद सुनवाई में लोक प्राधिकरों की उपस्थिति सुनिश्चित होने लगी है। पीजीआरओ पूर्वी ने बताया कि एसएचओ मीनापुर सुनवाई के क्रम में उपस्थित नहीं रहते हैं। जिलाधिकारी ने उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया है ।
इसके साथ ही इस संबंध के बीडीओ मुसहरी को भी सख्त निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि लोक प्राधिकार जो सुनवाई में उपस्थित नहीं होते हैं उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए उनका वेतन स्थगित रखा जाए। आईसीडीएस डीपीओ से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया एवं उनका एक दिन का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया।
 जिलाधिकारी ने कहा कि लोक प्राधिकार हर हाल में अचूक रूप से सुनवाई में उपस्थित हों। विशेष परिस्थिति में वे किसी दूसरे पदाधिकारी को प्राधिकृत कर भेज सकते हैं।
 प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत निर्देश दिया गया कि आवास निर्माण की गति बड़ा बढ़ाएं। जिन लाभुकों को प्रथम एवं द्वितीय किस्त की राशि दी जा चुकी है उनका वेरिफिकेशन भी किया जाए। 
शौचालय निर्माण से संबंधित बकाया भुगतान करने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया।
 मनरेगा के तहत जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत जो योजनाएं ली गई थीं उसे पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करने का निर्देश दिया गया। वृक्षारोपण की योजनाओं का निरीक्षण करते हुए उसे पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया।
 मनरेगा के तहत विभिन्न अवयवों में प्रगति के दृष्टिकोण से कांटी, सकरा ,औराई और मोतीपुर का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाए जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए उन्हें सख्त निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त दाखिल खारिज ,लघु सिंचाई गणना, ट्यूबवेल, शिक्षक नियोजन ,एचआरएमएस पर कर्मियों की सेवा पुस्तिका की एंट्री इत्यादि की भी समीक्षा की गई।
बैठक में उप विकास आयुक्त सुनील कुमार झा,अपर समाहर्ता राजस्व राजेश कुमार, अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण अशोक कुमार सिंह, अपर समाहर्ता आपदा अतुल कुमार वर्मा सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे जबकि प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी /सीओ तथा अन्य पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।

                                 मौर्य ध्वज एक्सप्रेस

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