जिलाधिकारी के कार्यालय कक्ष में उनकी अध्यक्षता में बैठक की गई। फुटपाथ के दुकानदारों को स्व निधि से समृद्धि की ओर ले जाने के लिए बनाए जा रहे रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।



प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के तहत सड़क के किनारे रेहड़ी पटरी लगाने वाले फुटपाथ दुकानदारों को  अपनी आजीविका और रोजगार दोबारा शुरू करने के लिए किफायती दर पर  काम करने लायक ऋण(10000 रु) मुहैया कराया जा रहा है।
 इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी के कार्यालय कक्ष में उनकी अध्यक्षता में आहूत की गई जिसमें फुटपाथ के दुकानदारों को स्व निधि से समृद्धि की ओर ले जाने के लिए बनाए जा रहे रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि वैसे फुटपाथ दुकानदार जिन्हें स्व निधि योजना के तहत लोन मुहैया कराया गया है उन्हें भारत सरकार की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं से टैग करने की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। ताकि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके।  और सरकार की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का भी लाभ उन लोगों को दिया जा सके।
 मालूम हो कि अपने जिले में लगभग 3000 वेंडर्स का रजिस्ट्रेशन किया गया है जिनमें से 464 भेंडर को ₹10000 का लोन मुहैया कराया गया है। शेष को ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। इन सभी 464 भेंडर्स को पीएम मातृ वंदना योजना, पीएम श्रम योगी मानधन योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम जन धन योजना, रजिस्ट्रेशन अंडर बीओसीडब्ल्यू वन नेशन वन राशन कार्ड योजना और जननी सुरक्षा योजना से जोड़ते हुए उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
इधर बैंक द्वारा लोन देने में शिथिलता बरतने पर जिलाधिकारी द्वारा एलडीएम को सख्त निर्देश दिया गया कि वे अपने स्तर से सभी बैंकों से लाइजनिंग कर उक्त कार्य को निर्धारित अवधि में कराना सुनिश्चित करें।
 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 601 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 183 आवेदन स्वीकृत हुआ है और मात्र 32 को ही लोन दिया गया है वही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 111 आवेदन स्वीकृत हुए और 42 को लोन दिया गया पंजाब नेशनल बैंक में 140 स्वीकृत हुए जिनमे से 44 को की लोन मिल पाया है।
बैठक में नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय, डीपीआरओ कमल सिंह, श्रम अधीक्षक रणबीर कुमार ,डीपीओ आईसीडीएस कुमारी के अलावा अन्य विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
                             संवाददाता, प्रेमशंकर

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