पटना : राज्य के प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 45 हजार 892 हेडमास्टरों की कमीशन से सीधी नियुक्ति होगी। इनमें 40558 पद प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की जबकि 5334 प्रधानाध्यापक के पद उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों के होंगे। शिक्षा विभाग के प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति व सेवाशर्त नियमावली-2021 के दो अलग-अलग प्रस्तावों को मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गई। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) इन पदों पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती की प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगा। खास बात यह है कि प्राथमिक स्कूलों में पहली बार प्रधान शिक्षक नियुक्त किये जायेंगे। अबतक ऐसे स्कूलों में सबसे वरीय शिक्षक विद्यालय का संचालन करते थे।
आजादी के अमृत महोत्सव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को गांधी मैदान में बिहार की जनता को संबोधित करते हुए राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग गठित करने की घोषणा की थी। इसपर त्वरित गति से कार्य करते हुए शिक्षा विभाग ने इन नये संवर्गों के गठन का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक के लिए भेज दिया। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि पूरी योजना बन चुकी है। नीतिगत निर्णय के बाद अब राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक के पद पर जल्द से जल्द तैनाती की कोशिश होगी। प्रयास होगा कि इसी वित्तीय वर्ष में नये संवर्ग के हेडमास्टर स्कूलों को मिल जाएं। बीपीएससी से शीघ्रता करने का अनुरोध किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी मध्य विद्यालय या उच्च विद्यालय में पहले से सृजित पद पर कार्यरत प्रधानाध्यापक अपने पद पर बने रहेंगे।
सिर्फ शिक्षक होंगे दावेदार
प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नये संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही दावेदार होंगे। वे ही कमीशन द्वारा आहूत सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए मान्य आवेदक होंगे। प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक पद के लिए अर्हता सरकारी स्कूल में 8 साल का शिक्षण तय किया गया है। वहीं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद के लिए अपने मूल कोटि में 8 साल पूरा करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षक जबकि निजी विद्यालयों (सीबीएसई,आईसीएसई बोर्ड के स्कूल) में 12 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक योग्य होंगे।
*प्रमंडल और जिला संवर्ग के होंगे दोनों पद*
प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षक के पद जिला संवर्ग जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद प्रमंडल संवर्ग के होंगे। दोनों में से किसी पद पर यदि कोई नियोजित शिक्षक चयनित होंगे तो चयन के साथ ही वे नियोजन इकाई से बाहर हो जायेंगे। वे सीधे राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन होंगे। जानकारी के मुताबिक दोनों पदों के लिए नया वेतन संरचना भी लागू किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के करीब 45 हजार पदों के दो नया संवर्ग गठित करने का राज्य सरकार का फैसला ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में रोज नये आयाम गढ़े जा रहे हैं। इन पदों पर नियुक्ति के बाद जमीनी स्तर पर इसके व्यापक प्रभाव दिखेंगे। गुणवत्ता शिक्षा की संकल्पना को साकार करने में सहूलियत होगी।'
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