जल-जीवन हरियाली में दिए गए कई अहम निर्देश ।

मुज़फ्फरपुर:-  समाहरणालय सभाकक्ष में उप विकास आयुक्त मुजफ्फरपुर आशुतोष द्विवेदी की अध्यक्षता में जल -जीवन -हरियाली की समीक्षात्मक बैठक की गई। बैठक में  लंबित योजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में सख्त निर्देश उप विकास आयुक्त के द्वारा दिए गए।
 साथ ही उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के क्रम में हर हाल में पारदर्शिता दृष्टिगोचर होना चाहिए ।बैठक में उपस्थित नहीं होने के कारण जिला उद्यान अधिकारी ,कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग से स्पष्टीकरण पूछने एवं एक दिन का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया है। 
चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण की अद्धतन स्थिति की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि औराई ,बंदरा मोतीपुर, बोचहां, मुरौल,मड़वन एवं मीनापुर द्वारा नई योजनाएं नहीं ली गई है। जबकि कुल सोख्ता के निर्माण  मे 99.3 4 प्रतिशत के साथ मड़वन पहले स्थान पर, 98.78% के साथ बोचहां दूसरे स्थान पर ,98.70% के साथ मीनापुर तीसरे स्थान पर है।पूर्व के बैठक में सोख्ता निर्माण से संबंधित नई  योजनाएं लिए जाने का निर्देश दिया गया था जिसमें उक्त प्रखंडों के द्वारा लचर प्रदर्शन के कारण सख्त निर्देश दिए गए। वही पारू और सकरा द्वारा सिर्फ एक-एक ही नई योजनाएं ली गई है।निर्देश दिया गया कि उक्त प्रखंडों के कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा का सात दिन का वेतन स्थगित रखते हुए उनसे स्पष्टिकरण पूछा जाए। 

बैठक में सख्त निर्देश दिया गया कि पूर्ण योजनाओं का जियो टैगिंग हर हाल में करना सुनिश्चित करें। लापरवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी।

 बैठक में भी विभिन्न विभागों द्वारा जल -जीवन- हरियाली अंतर्गत योजनाओं की जियो टैगिंग की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई और इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए।
 पंचायती राज विभाग अंतर्गत कुंओ की जीणोद्धार  का जिओ टैगिंग में तेजी लाने का सख्त निर्देश दिया गया। साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा कुंओ के किनारे सोख्ता निर्माण की योजना की जियो टैगिंग में गति बढ़ाने का भी सख्त निर्देश दिया गया।
 बैठक में मनरेगा अंतर्गत क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश उप विकास आयुक्त के द्वारा दिए गए। मनरेगा अंतर्गत मानव दिवस  सृजन की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि कुल 6725802 लक्ष्य के विरूद्ध 5441631 मानव दिवस अभी तक सृजित किए गए है।
 बैठक में नए जल स्रोतों का सृजन ,पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार ,पाइन,आहार निर्माण ,मनरेगा अंतर्गत  जल स्रोतों का सृजन ,वर्षा जल संचयन ,सघन वृक्षारोपण , मनरेगा अंतर्गत ससमय भुगतान की अद्यतन स्थिति ,लंबित मजदूरी भुगतान  आदि की भी समीक्षा की गई और आवश्यक निर्देश डीडीसी के द्वारा दिए गए।

 बैठक में डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान, डीपीआरओ कमल सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सुषमा कुमारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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