संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती मनायी गयी ।।

कुढनी प्रखण्ड स्थित राज कॉम्प्लेक्स सभागार केरमा में युवा राजद नेता श्री शंकर कुशवाहा के द्वारा "संत शिरोमणि रविदास जी" की जयंती मनायी गयी।
श्री कुशवाहा ने कहा कि "संत रविदास जी" अत्यंत निर्धन परिवार में जन्म लिए।
वे बहुजन समाज के उत्थान के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किए। वे जाति व्यवस्था एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों के घोर विरोधी थे।
भारत के सभी संतों में उनको उच्च स्थान दिया गया है, इसीलिए "संत शिरोमणि" के नाम से संबोधित किया जाता है। उनके द्वारा रचित 40 पदों को "गुरुग्रंथ-साहिब" में समाहित किया गया है।
उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रभावित होकर "मीराबाई" भी उनके शिष्या बन गयी।
वे धार्मिक आडम्बर एवं पाखंड को नकार दिए थे उनके कुछ पद है।
मन चंगा तो कटौती में गंगा।।
मन ही पूजा मन धूप,मन ही सेउँ सहज सरुप।।
वर्णाश्रम अभिमान तजि,पद रज बंदहिजासु की।
संदेश ग्रंथ खंडन-निपन वाणी विमुल रैदास की।।
हम ऐसे महापुरुष को सादर नमन करते है।
मौके पर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष श्री राजेश यादव,मुकेश पासवान,सुरेन्द्र कुमार,शंकर बिहारी,अरविन्द सिंह,मो.अंजारुल हक,शशि राय आदि उपस्थित हुए।
                               टीम :- मौर्य ध्वज एक्सप्रेस

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