बाहर से आए श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 3 जुलाई को कॉउंसलिंग,डीआरसीसी सिकंदरपुर में होगा ।

मुजफ्फरपुर, बाहर से आए आगंतुक श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिला प्रशासन की कवायद शुरू हो चुकी है। रोजगार उपलब्ध कराने एवं स्वरोजगार की सुविधा मुहैया हो सके इस बाबत जिला परामर्शदात्री केंद्र एवं जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आहूत की गई। जिला परामर्शदात्री केंद्र के अध्यक्ष उप विकास आयुक्त हैं और  विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में डीपीएम जीविका ,प्राचार्य आईटीआई, चेंबर ऑफ कॉमर्स के दो प्रतिनिधि, गारमेंट उद्यमी संघ के अध्यक्ष अशोक भारती, होंगे। इसके पदेन सदस्य वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, श्रम अधीक्षक और एलडीएम होंगे ।यह समिति जिलाधिकारी की देखरेख में कार्य करेगी एवं जिला पदाधिकारी द्वारा परामर्श दात्री केंद्र के कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। जबकि जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना की स्वीकृति/ संचालन/ पर्यवेक्षण /एवं अनुश्रवण हेतु जिला स्तरीय समिति होगी जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे ।आज के बैठक में आगंतुक श्रमिकों के लिए रोजगार सृजन करते हुए उन्हें रोजगार मुहैया कराने के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया जिसके तहत तीन जुलाई को दस बजे पूर्वाहन में स्थानीय डीआरसीसी ,सिकंदरपुर में कुशल श्रमिकों के पहली काउंसलिंग की  प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उनका निबंधन डीआरसीसी में किया जाएगा।काउंसलिंग स्थल(डीआरसीसी सिकंदरपुर) पर विभिन्न विभागों यथा:- उद्योग, पशुपालन, कृषि, मत्स्य ,भवन निर्माण, पीएचईडी, पंचायती राज तथा अन्य विभागों के काउंटर होंगे जहां आगंतुक श्रमिकों के हुनर ,कौशल और रूचि के अनुसार संबंधित विभागों द्वारा उन्हें रोजगार दिया जाएगा।तीन जुलाई को काउंसलिंग में उपस्थित होने के लिए सर्वेक्षितआगंतुक श्रमिकों को विभिन्न माध्यमों से सूचना देकर उन्हें काउंसलिंग हेतु आमंत्रित किया जाएगा ।जिलाधिकारी द्वारा उपयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु डीआरसीसी के प्रबंधक को निर्देशित किया गया है। बैठक में उद्योग विभाग के महाप्रबंधक द्वारा जानकारी दी गई की दो योजनाओं पर एक साथ कार्य होंगे। मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी क्लस्टर योजना एवं जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना ।मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी क्लस्टर योजना के तहत बीस लाख की परियोजना होगी जिसके अंतर्गत भवन का सुदृढ़ीकरण, मशीनरी एवं कार्यशील पूंजी हेतु व्यय किया जाएगा।बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के सहयोग से यह क्रियान्वित होगा। मुजफ्फरपुर जिले में इस कार्य के लिए पीएसयू के रूप में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को दायित्व दिया गया है। इसके तहत एक कलस्टर में न्यूनतम 10 सदस्य होंगे। जिला औद्योगिक  नव प्रवर्तन योजना को जिला स्तरीय समिति के निगरानी में क्रियान्वित किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण विकास अभिकरण को तत्काल ₹5000000 की राशि सूक्ष्म इकाइयों को स्थापित कराने हेतु दिया जाएगा ।इसके तहत प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें न्यूनतम 10 कामगारों का समूह होगा जिसमें न्यूनतम 10 सदस्य अथवा 50% सदस्य कोविड पोर्टल पर सूचीबद्ध कामगार होंगे। मुजफ्फरपुर जिले में चार क्लस्टर को चिन्हित किया जा चुका है ।जिसमें जिला उद्योग विभाग के द्वारा सिलाई केंद्र का 3 कलस्टर और कारपेंटर का एक क्लस्टर चिन्हित किया जा चुका है। साथ ही निर्णय हुआ कि जीविका के द्वारा लहठी व मधु का एक-एक कलस्टर चिन्हित किया जाएगा ।साथ ही जिलाधिकारी द्वारा फुटवियर क्लस्टर बनाने का भी परामर्श दिया गया है। बैठक में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि मुख़्यमंत्री  कुशल श्रमिक उद्यमी क्लस्टर योजना के तहत  साहिबगंज प्रखंड मुख्यालय में मोबाइल चार्जर के निर्माण हेतु यूनिट स्थापित की जाएगी जिसमें वैसे आगंतुक श्रमिकों को जोड़ा जा रहा है जो बाहर में मोबाइल चार्जर का निर्माण किया करते थे ।बैठक में उप विकास आयुक्त उज्जवल कुमार सिंह, सहायक समाहर्ता खुशबू गुप्ता ,डीपीआरओ कमल सिंह, जिला उद्योग महाप्रबंधक परिमल कुमार सिन्हा ,वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग ,जिला योजना पदाधिकारी ,उद्योग विस्तार अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव, के साथ विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे  ।।

                     संवाद श्रोत : -  मौर्य ध्वज एक्सप्रेस

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें